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भाभी-को-चोद-चोद-कर-अपनी-सीक्रेट-बीवी-बनाया-Bhabhi-Ki-Chudai-Story
December 27, 2024January 2, 2025

भाभी को चोद चोद कर अपनी सीक्रेट बीवी बनाया – Bhabhi Ki Chudai Story

Table of Contents

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  • भाभी को चोदने के बाद अपनी गुप्त बीवी बनाई— Bhabhi Ki Chudai Ka Kahani
    • फ्री में सेक्सी कॉल गर्ल से बात करें- Bangalore escorts
  • उसकी पत्नी निदा घर पर काम करती थी— Bhabhi Ki Chudai
  • वह मेरी ओर बार-बार देखती थी — Bhabhi Ki Chudai Ki Kahani
  • मेरे सामने उसकी चूचियों की क्लीवेज साफ दिखाई दे रही थी – Bhabhi Ki chudai
  • हम दोनों कभी-कभी बहुत मज़ा लेते हैं – Bhabhi ki Chudai ki Kahani
  • मैंने भाभी से कहा, “तुम गलत होगा यार।” मुझे ऐसा नहीं लगता!
  • मेरे लिंग को निदा भाभी ने देखा— Bhabhi Ki Chudai
  • “ठीक है,” निदा भाभी ने बड़े लौड़े से चूत चुदाई की बात सुनकर कहा।
  • फिर मैंने उसका कुर्ता उतारा— Bhabhi Ki Chudai Ka Kahani
  • वह लौड़े को भूखी कुतिया की तरह घूरने लगी।
  • मैंने कहा कि अब तुम्हारे पास लंड है, कभी भी चूस लो।
  • मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, मेरे राजा, यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा उपहार है।

भाभी को चोदने के बाद अपनी गुप्त बीवी बनाई— Bhabhi Ki Chudai Ka Kahani

भाभी-को-चोद-चोद-कर-अपनी-सीक्रेट-बीवी-बनाया-Bhabhi-Ki-Chudai-Story

Bhabhi Ki Chudai Story– दोस्तो, मैं ज़ैद हूँ। आज मैं २६ वर्ष का लड़का हूँ और अभी भी एकल हूँ। आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ, एक भारतीय भाभी की कहानी, जिसमें मैंने उनकी भाभी को पटा कर चोदा और उन्हें अपनी गुप्त पत्नी बनाया।

मैं 18 साल का था जब आज से आठ साल पहले यह अनदेखा हॉट पुसी फक कहानी हुई।
मैं उस समय पढ़ाई पूरी कर चुका था।

मैं वहां रहने के लिए एक छोटे से भाड़े पर चला गया।

मेरे फ्लैट के बिल्कुल सामने रहने वाले शहबाज नामक व्यक्ति से वहीं मुलाकात हुई।

शहबाज एक शादीशुदा व्यक्ति था। वह और उसकी जोरू निदा अकेले वहाँ रहते थे।
निदा मोटी थी, लेकिन शर्मीली थी, इसलिए मुझसे कभी नहीं बोलती थी।

जब मुझे पता चला कि वह एक मैकेनिकल इंजीनियर था, तो उसका शौहर शहबाज थोड़े ही दिनों में मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया।
सुबह नौ बजे उसने काम पर जाकर शाम को देर से घर आया।

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उसकी पत्नी निदा घर पर काम करती थी— Bhabhi Ki Chudai

मैं सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक कॉलेज में था, इसलिए मैं दोपहर 12:30 बजे घर आ जाता था और निदा सुबह 10 बजे से शाम तक घर पर अकेली रहती थी।

शहबाज ने मुझे कुछ ही दिन बाद डिनर पर बुलाया।
उधर, उसने मेरी बीवी से मुलाकात की।

उस दिन से निदा को मैं भाभी कहने लगा।

फिर मैं उन दोनों के साथ एक महीना बिताया, और हम दोनों एक दूसरे से काफी सहज हो गए।

एक दिन मैं और शहबाज ने एक फिल्म देखने और बाहर एक सुंदर होटल में डिनर करने का निश्चय किया।

योजनानुसार, मैं, शहबाज और निदा भाभी तीनों लोग सिनेमा देखने गए।
मूवी देखते हुए मैं निदा भाभी को बार-बार देख रहा था।

गुलाबी रंग की ड्रेस और उसके चमकदार गाल उस दिन उसे खूबसूरत बना रहे थे।
मूवी खत्म होने पर हम डिनर पर गए।
हम वहाँ खाना ऑर्डर किया।

शहबाज और मैं बात कर रहे थे, लेकिन निदा भाभी चुपचाप बैठकर हमारी बातें सुन रही थी।

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वह मेरी ओर बार-बार देखती थी — Bhabhi Ki Chudai Ki Kahani

वह अपनी नज़रें झुका लेती थी जैसे ही मैं उसे देखता था।

फिर मैं एक दिन निदा भाभी के घर गया।
तब शायद दोपहर दो बजे हो गए होंगे।

जब मैंने घर की घंटी बजाई, निदा भाभी ने दरवाज़ा खोला।
मैंने निदा भाभी को देखा।
उसने पीले रंग की हल्की टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिससे उसके बूब्स पूरी तरह से दिखाई देते थे।

जब मैं उसके बूब्स को ही देखता रहा, भाभी ने पूछा, “कुछ काम है?”
मैंने सोचा कि शहबाज भी ऑफिस गया है। भाभी भी अकेली है और मैं भी अकेला हूँ…। तो यह एक अच्छा अकेले बात करने का अवसर है।

उस दिन अकेले रहते हुए मैंने निदा भाभी से कहा कि आज भारत का क्रिकेट मैच टीवी पर दिखाई देगा। मेरे घर में टीवी नहीं है, तो क्या मैं आपके घर पर थोड़ी देर टीवी देख सकता हूँ? अगर आपको कोई समस्या नहीं है तो?
थोड़ी देर सोचकर भाभी ने कहा कि शहबाज ऑफिस गया है और मैं घर पर अकेली हूँ। तुम्हारे साथ घर में अकेले रहना मुझे अजीब लगेगा…। और ऐसे में शहबाज को बहुत बुरा लगेगा!

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मैंने कहा, “भाभी, अगर आपको अच्छा नहीं लगता तो टीवी नहीं देखना।”
ऐसा कहकर मैं सीधा अपने घर आ गया, और भाभी भी दरवाजा बंद करके अंदर चली गई।

इस घटना के दो दिन बाद शायद एक बजने को था जब मैं अपने घर में खाना बना रहा था।

ठीक उसी समय मेरे घर की घंटी बजी, और मैंने देखा कि निदा भाभी मेरे सामने खड़ी थी।

उसे देखते ही मेरा मन फिर से निदा भाभी को देखने का नशा उठने लगा।

उस दिन भी वह बहुत सुंदर दिखती थी। उसने पीला चूड़ीदार ड्रेस पहना हुआ था और उसके बड़े गले के कड़क बूब्स मेरी निगाहों से नहीं हट रहे थे।

मेरे सामने उसकी चूचियों की क्लीवेज साफ दिखाई दे रही थी – Bhabhi Ki chudai

मुझे फिर से जागृत करते हुए भाभी ने कहा, “मेरे घर की लाइट चली गई है, क्या आपके घर में लाइट है?”

मैंने देखा कि मेरे घर में प्रकाश था।
मैंने उसे कहा, “भाभी, मेरे घर की बिजली अब आ रही है।” यहाँ बिजली में शायद कुछ समस्याएं हैं!

तुम देख लेंगे क्या, भाभी ने पूछा।
मैं उसके घर गया और लाइटों को देखने लगा. मुझे पता चला कि घर की मुख्य लाइट स्विच ही बिजली के झटके से ऑफ हो गया था।

मुझे पता चला कि उसके घर की लाइट क्यों चली गई थी।
लेकिन मैंने सोचा कि भाभी को घर पर अकेले रहते हुए कुछ समय बिताना चाहिए।

मैंने तुरंत ड्रामा करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर तक प्रकाश को देखता रहा।
निदा भाभी भोजनालय में गई और अपनी नौकरी करने लगी।

मैं झूठ बोलते हुए उसको किचन में काम करते हुए देख रहा था।
वह काम करते हुए किचन में अपने बालों को संभालती थी।

वह बहुत सुंदर लग रही थी।
लेकिन हर बार जब मैं उसकी ओर देखता था, वह कुछ परेशान लगती थी।

थोड़ी देर बाद मैंने मुख्य स्विच को चालू कर दिया और कहा, “भाभी, आपकी लाइट सही हो गई है।”
मैंने उसे धन्यवाद दिया।

मैंने कहा, “भाभी, इसमें थैंक्यू क्या कहना चाहिए?” भाभी, यह घर आपका है और मेरा भी है..। आगे से कोई भी समस्या हो, मुझे बेहिचक फोन करें।

फिर मैं कुछ भी बहाना करके निदा भाभी से बातें करता था।
अब वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त है।

हमारी दोस्ती लगभग एक वर्ष तक चली।

शहबाज ऑफिस में रहते हुए, निदा भाभी और मैं उसके घर पर बहस करते और कुछ ना कुछ करते रहते थे।

हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आने लगे क्योंकि निदा भाभी मेरे साथ बहुत खुश रहती थी।

हम दोनों कभी-कभी बहुत मज़ा लेते हैं – Bhabhi ki Chudai ki Kahani

वह मुझे गुदगुदाती थी, तो मैं भी उसे गुदगुदाता था. मैं भी उसके बूब्स का मज़ा लेता था, जिसे वह नहीं जानती थी।

उसको मेरा साथ अच्छा लगने लगा, जब हम दोनों बाइक पर बैठकर शॉपिंग करते और कभी-कभी लंबी यात्रा पर निकल जाते।

मुझे लगता था कि वह अब मुझे चाहती है, लेकिन कह नहीं पाती।
जबकि मेरा भी ऐसा था।

मुझे डर था कि अगर मैं उससे अपने दिल की बातें बता दूँ और वह नाराज़ हो जाएगी, तो मेरे थोड़े मज़े भी खत्म हो जाएंगे।

मैं अपनी भाभी के घर एक दिन की छुट्टी पर उससे बात करने गया।
उस समय भाभी एक बहुत सुंदर हरे रंग की कुरती पहने हुए थी।

ग्रीन कलर की झीने कपड़े की इस कुर्ती से उसकी काली ब्रा साफ दिखाई देती थी।

भाभी के सुंदर बूब मुझे उसके साथ मनोरंजन करने के लिए प्रेरित कर रहे थे।
मैं भाभी से बातें करने लगा और धीरे-धीरे अपना सर उसकी गोद में डालकर बातें करने लगा।

मैं उसे हंसाने के लिए गुदगुदा रहा था, हालांकि वह मुझे थोड़ा उदास लग रही थी।

उसने मुझे अपने दुखी होने का कारण बताया।
बातों में भाभी ने कहा कि शहबाज मुझे बहुत कम समय देते हैं। मुझे नहीं लगता कि वह मुझसे प्यार करता है।

मैंने भाभी से कहा, “तुम गलत होगा यार।” मुझे ऐसा नहीं लगता!

बातचीत शुरू होने पर भाभी ने सब कुछ बताना शुरू किया, जैसे कि कब उसकी शादी हुई थी और कब उसे शक हुआ था।

भाभी ने रोते हुए कहा कि मेरे जीवन में कोई पुरुष नहीं है। शादी के तीन साल हो गए हैं, लेकिन मैं कभी भी शारीरिक सुख नहीं पाया!

उसने कहा कि उसे ठीक से पुरुष सुख नहीं मिला, तो मेरी उम्मीदें मानो टूट गईं।
मैंने समय निकालकर कहा, “भाभी, जो भी हो, मुझसे खुलकर कहिए।” मैं तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त नहीं हूँ..। मुझसे कुछ भी नहीं छिपाओ!

उसने फिर बताया कि हर बार जब हम रात को सेक्स करते हैं, वह अपना छोटा सा लंड मेरे मुँह में डालता है। उसका लंड मुँह में लेने में मुझे कोई परेशानी नहीं है। पर जब बात सेक्स की आती है, वह सिर्फ मेरी गांड मारते हैं। जब मैं उससे कहा कि मुझे गांड मारना ही अच्छा लगता है, तो वह मेरी चूत में भी अपना लंड डालने के लिए कहता है। मैं सिर्फ इस बात से परेशान हूँ। मैं कभी भी ठीक से चूत चुदवाने का आनंद नहीं लिया। मैं अपनी उंगली से अपनी चूत की खुजली बुझा लेती हूँ जब शहबाज मेरी गांड मारकर सो जाते हैं।

मैं भाभी की बात का लाभ उठाते हुए कहा, “कोई बात नहीं भाभी, आज से आप चाहें तो गुप्त पति पत्नी बन जाते हैं।” क्योंकि मैं भी किसी की चूत चोदने के लिए बहुत उत्सुक हूँ..। पर मुझे कभी कोई लड़की नहीं मिली। तुम्हारी तरह, मैं भी अपने हाथ से अपने लंड को हिलाता हूँ। मैं प्यासा रहता हूँ और कोई चूत नहीं मिलती!

भाभी को मैंने अपने लंड की लंबाई बताई तो वह मेरे लंड से चुदवाने को उत्सुक हो गई।

जब मैं भाभी के सामने ही अपने लंड को सहलाने लगा, मेरे लंड में उत्तेजना की भावना आने लगी।

क्या वास्तव में तुम्हारा लौड़ा ज्यादा लंबा है, भाभी ने पूछा, जब मैं लौड़े पर हाथ रखने लगा।
मैंने कहा: हां, निदा भाभी!

मेरे लिंग को निदा भाभी ने देखा— Bhabhi Ki Chudai

मैं धीरे-धीरे उसके पास आया और उसके बालों और गाल को सहलाने लगा।

मैंने निदा भाभी को बहुत गर्म देखा।
प्रिय, किसी लड़की को चुदाई करने का मन होता है तो वह उसी तरह व्यवहार करने लगती है जैसे उस समय निदा करती थी।
वह सिर्फ मेरे लौड़े को फूलता हुआ देख रही थी, और उसकी आंखों में वासना की खुमारी झलक रही थी।

मैं पूछता हूँ, भाभी, क्या मैं तुम्हें एक आदमी का आनंद दे सकता हूँ?
थोड़ा शर्माते हुए निदा भाभी ने कहा, “पर मैं एक शादीशुदा औरत हूँ, अगर मेरे पति को यह सब पता चल गया तो वह मुझे घर से बाहर निकाल देंगे!”

मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ, भाभी, कि शहबाज कभी नहीं जानेगा।
निदा भाभी, मैं अपने शौहर को बहुत प्यार करती हूँ, चाहे वह किसी और को पसंद करे।

मैं-हां, भाभी, मैं जानता हूँ कि तुम उसकी पत्नी को खुश करो और प्यार करो। पर जब वह घर पर नहीं होगा, तब मैं आपको एक सच्चे आदमी की सेवा करूँगा, जिससे आप अपने शौहर से दूर नहीं हो सकेंगे..। और आप उससे वैसे ही प्यार करते रहना, जैसा आप अभी करते हैं। मैं सिर्फ आपको एक सच्चे मर्द के बड़े लौड़े से चूत चुदाई का वह आनंद देगा, जिससे आप अभी तक महरूम हैं! अब से हम दोनों गुप्त शौहर पत्नी की तरह रहेंगे और किसी को भी यह नहीं पता चलेगा। मैं कहता हूँ, भाभी!

“ठीक है,” निदा भाभी ने बड़े लौड़े से चूत चुदाई की बात सुनकर कहा।

मैं: क्या मैं अभी आपको पुरुषीय सुख दे सकता हूँ?
निदा भाभी, क्या अब? इस समय?

वह नखरे कर रही थी, हालांकि उसकी आंखों में लंड मिलने की चमक थी।

मैं-हां, भाभी, अभी ही. शहबाज ऑफिस में है, इसलिए यह उपयुक्त अवसर है। दोनों को इससे लाभ मिलना चाहिए!
निदा भाभी, मैं बहुत बदनाम हूँ!
मैं: कोई बात नहीं भाभी, बस मुझे अपना शरीर छूने की इजाज़त दीजिए. मैं आपको बड़े लंड वाले आदमी का सर्वोत्तम आनंद दे दूँगा। कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है!

निदा भाभी, यह सही है!
फिर मैंने भाभी के गुलाबी गाल को धीरे-धीरे चूमने लगा, उसके होंठों को भी चूमने लगा।
वह भी प्यार में धीरे-धीरे मेरे साथ आने लगी थी और मुझे बहुत अच्छा सहयोग करती थी।

फिर मैंने उसका कुर्ता उतारा— Bhabhi Ki Chudai Ka Kahani

भित्री भाभी ने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जिससे उसके बड़े बूब्स पूरी तरह से तने हुए दिख रहे थे।

मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों मम्मों को भरकर दबाने लगा।
फिर मैंने उसकी काले रंग की ब्रा को उतारा और उसके बूब्स खुले आसमान में उछलने लगे।

मैं एक दूध के निप्पल को अपने मुँह में लेकर चुदाई करने लगा।
भाभी के मुँह से मादक आवाज़ निकल रही थी जब वह यौन उत्तेजना में आ गई।

‘अँह अँह आह आहा उम्म्म!’ मैंने फिर उसके कपड़े उतारे।
अंदर काले रंग की ही पैंटी पहनी हुई थी भाभी ने।

जब मैंने भाभी की काले रंग की चड्डी उतारी, तो मैंने देखा कि उनकी चूत बहुत चिकनी थी।
मैंने निदा भाभी को बेड पर लेटा दिया और अपनी फूली हुई चड्डी को उसकी तरफ दिखाया।

वह लौड़े को भूखी कुतिया की तरह घूरने लगी।

फिर मैंने अपनी चड्डी निकालते ही भाभी ने उठकर मेरा लंबा लंड देखा, जो उसे बहुत खुश कर दिया।

मैंने पूछा कि, निदा भाभी, क्या आप मेरा लंड अपने मुंह में लेंगे? मैं बहुत खुश हो जाऊँगा!
निदा भाभी—ठीक है, लेकिन बेडरूम का दरवाजा पहले बंद करो!

मैंने कमरे का दरवाजा बंद करके उसके पास आ गया।
मेरा लंड हाथ में लेकर भाभी सहलाने लगी।

लंड को थोड़ी देर तक हिलाने के बाद वह कुछ हिचकती सी दिखी।
मैंने भाभी से कहा, “आप मेरा लंड मुँह में ले लो, मैं अब नहीं रह सकता।”

यह सुनते ही भाभी ने मेरा लंड मुँह में लेकर खुशी से चूसने लगा।
मैंने भाभी से कहा, “अब मुझे आपकी चूत चोदने दो।” मैं नहीं रह सकता!

मेरा लंड भाभी को इतना पसंद आया था कि वह उसे अपने मुँह से निकालने को तैयार ही नहीं हुई।

मैंने कहा, “अब मुझे चुदाई करने दो!”
नहीं, उसने कहा, मुझे थोड़ी देर और चूसने दो।

मैंने कहा कि अब तुम्हारे पास लंड है, कभी भी चूस लो।

मैंने भाभी को बेड पर लेटा दिया और उसकी दोनों टांगों को उठा दिया, लंड को कुछ मिनट तक चूसने के बाद।
उसकी गांड खुली हुई दिख रही थी, और उसकी चूत की फाँकें आपस में चिपकती हुई किसी कुंवारी बुर का सीन बना रही थीं।

मैंने उसकी चिकनी चूत पर अपना कड़क लंड रखा।
तो भाभी ने कहा, “अब मुझसे रहा नहीं जा रहा, कृपया अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।” मैंने बहुत सालों तक इस क्षण का इंतजार किया है..। अब रुकना नहीं है!

मैं धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी टाइट चूत में डालने लगा, फिर एक झटके से पूरा लंड उसकी चूत में डालने लगा।

तुरंत एक सैटिसफाइड हॉट पुसी फक में भाभी रोने लगी: “आहह मर गई मेरी फट गई आह निकालो प्लीज!”

उसकी चिल्लाने वाली आवाज़ भी मधुर थी, इसलिए मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया।
मैंने दर्द से तड़फ रही उसे पेलना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा, “आह ह्म्म् उम्म्म… फक मी ज़ानू प्लीज..।” और मुझे ज़ोर से चोदो..। “अहा आहहाअ हम्म्मं!” वह चिल्लाने लगा।

मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और निदा भाभी को अपनी बांहों में लेकर उसे किस करने लगा।

तीस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे।
मैं उसकी चूत को सहलाता रहा।

निदा भाभी: आज मैं तुमसे बहुत खुश हूँ, जैद!
मैं भी—हां, मुझे बहुत अच्छा लगा; आप बहुत सुंदर हैं, और आपकी चिकनी, पतली चूत ने मेरा दिल जीत लिया, भाभी।

हमने ऐसे ही तीन बार एक दूसरे की बांहों में किस किया।
शाम के छह बजने का पता ही नहीं चला।

वह अचानक घड़ी पर ध्यान दिया और उठकर कहा, “पागल, उठो और जल्दी से कपड़े पहन लो।” मेरा शौहर आ रहा है। जब वह तुम्हें देखेगा, तो बहुत हंगामा होगा!
मैंने अपने कपड़े बदलकर भाभी के घर चला गया।

मैं चुपचाप शहबाज के घर गया जब वह दूसरे दिन ऑफिस गया।

जब मैं घर पहुंचा, मैंने देखा कि आज भाभी ने एक बहुत ही सेक्सी गाउन पहना था, जिसमें कोई ब्रा या पैंटी नहीं थी।

हम फिर से चुदाई करने लगे जब निदा भाभी ने मुझे देखा और अपनी बांहों में लिया।

मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, मेरे राजा, यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा उपहार है।

मैंने भी कहा कि मैं तुम्हें मेरी जान से प्यार करता हूँ..। मैं वचन देता हूँ कि यह प्रेम सिर्फ हमारे बीच रहेगा। मैं शहबाज को कभी नहीं बताऊंगा।

मैंने यह भी कहा कि मैं दिन में आकर तुम्हारी चूत चोदूँगा, अगर तुम रात को शहबाज से गांड मरवा लेना।
अब हम दोनों हर दिन चुदाई करने लगे।

मैं और निदा भाभी लगभग तीन साल तक यौन संबंध बनाए रहे।
फिर मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने गांव चला गया।

आज भी, निदा भाभी की गैर मौजूदगी में मैं अकेले में मिलकर सेक्स करता हूँ।
आज लगभग दस साल बीत गए हैं, लेकिन हम दोनों अभी भी एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं।

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